A2Z सभी खबर सभी जिले कीअन्य खबरे

मुंबई के अंधेरी पश्चिम इलाके में डी मार्ट स्टोर में मराठी भाषा को लेकर विवाद हिंसा में बदल गया। हिंदी बोलने वाले की गई पिटाई।

अंधेरी पश्चिम इलाके में वर्सोवा के डी मार्ट स्टोर में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां मराठी भाषा को लेकर ग्राहकों और स्टोर के कर्मचारियों के बीच बहस हो गई, जो बाद में हिंसा में बदल गई।

मीनाक्षी विजय कुमार भारद्वाज/मुंबई

मुंबई के अंधेरी पश्चिम इलाके में डी मार्ट स्टोर में मराठी भाषा को लेकर विवाद हिंसा में बदल गया हिंदी बोलने वाले की गई पिटाई।

मुंबई/महाराष्ट्र: अंधेरी पश्चिम इलाके में वर्सोवा के डी मार्ट स्टोर में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां मराठी भाषा को लेकर ग्राहकों और स्टोर के कर्मचारियों के बीच बहस हो गई, जो बाद में हिंसा में बदल गई। बताया जा रहा है कि राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना मनसे के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर थप्पड़ मार दिया। आरोप है कि कर्मचारी मराठी में बात नहीं कर रहा था, इसलिए उसे पीटा गया। उसके कान पकड़वाकर माफी भी मंगवाई गई।यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब डी मार्ट के एक कर्मचारी ने एक ग्राहक से कहा कि वह मराठी नहीं बोल सकता। उसे केवल हिंदी आती है और वह हिंदी में बात करेगा। इस बात से नाराज ग्राहक और कर्मचारी के बीच तीखी बहस छिड़ गई।राज ठाकरे की पार्टी के कार्यकर्ता इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं तक पहुंच गया। वीडियो देखने के बाद मनसे के वर्सोवा अध्यक्ष संदेश देसाई ने अपने कुछ कार्यकर्ताओं के साथ डी मार्ट स्टोर का दौरा किया। वहां पहुंचकर उन्होंने उस कर्मचारी की पिटाई कर दी, जिसने मराठी बोलने से इनकार किया था।महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं का कहना था कि महाराष्ट्र में रहने वाले लोगों को मराठी भाषा का सम्मान करना चाहिए और उसे बोलना आना चाहिए। यह घटना स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है। कुछ लोगों का मानना है कि यह भाषा के सम्मान का मुद्दा है, जबकि कुछ इसे गुंडागर्दी का मामला बता रहे हैं।डी मार्ट का नहीं आया बयान।हालांकि, इस घटना के बाद भी पुलिस में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है। डी मार्ट प्रबंधन की ओर से भी इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।पहले भी एमएनएस वर्कर्स कर चुके हैं कई लोगों की पिटाई।यह पहली बार नहीं है जब मनसे कार्यकर्ताओं ने मराठी भाषा को लेकर इस तरह की कार्रवाई की हो। इससे पहले भी कई बार संगठन के सदस्य भाषा और क्षेत्रीय अस्मिता के मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाते देखे गए हैं। इस घटना ने एक बार फिर मराठी भाषा और महाराष्ट्र में बाहर से आए लोगों के बीच तनाव को उजागर कर दिया है।पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बाद में स्टोर के कर्मचारी ने अपने व्यवहार के लिए माफी मांगी। उसने कहा कि उसे अपनी गलती का एहसास हो गया है।

Back to top button
error: Content is protected !!